कलेक्टर श्री सक्‍सेना ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों का किया अवलोकन

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जबलपुर….कलेक्टर श्री दीपक सक्‍सेना ने आज कृषि एवं संबद्ध विभागों के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं का निरीक्षण किया। उन्‍होंने अंतर्राष्ट्रीय संस्थान बोरलॉग (बीसा) का भ्रमण किया। इस दौरान बीसा के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. रवि गोपाल द्वारा संस्थान में किये जा रहे विभिन्न शोध कार्यों की जानकारी दी गई। जिसमें हैप्पीसीडर से गेहू के बाद सीधे मूंग की बोनी करना, ड्रोन के द्वारा मूंग की फसल पर नैनो यूरिया एवं डीएपी छिडकाव का प्रदर्शन, बूमरेन द्वारा कीटनाशक के छिडकाव का प्रदर्शन, ट्रेक्टर के मूल पहिये हटाकर फील्ड में प्लान्ट से प्लांट की दूरी के अनुसार पतले एवं फसल की ऊंचाई से काफी ऊंचे चके ट्रैक्टर में लगाकर इंटर कल्‍चर का प्रदर्शन, इस अटेचमेन्ट से फसल को कोई नुकसान नहीं होता। साथ ही इन्टर कल्चर गतिविधियाँ विधिवत संपादित हो पाती है। आलू की फसल के बाद जीरो टिल सीड ड्रिल से मक्के की बोनी का प्रदर्शन दिखाया गया है। बीसी संस्था प्रमुख द्वारा बताया गया कि, संस्थान में लगभग 1000 विभिन्न किस्मों के गेंहू का बीजू तैयार कर भारत एवं साउथ एशिया के देशो में भेजा जाता है। ट्रैक्टर में मॉडीफाइड पावर ब्रीडर द्वारा खरपतवार नियंत्रण का प्रदर्शन किया गया। कलेक्‍टर ने बोरलॉग इंस्‍टीट्यूट के नवाचार को देखने के बाद डोंडी पिपरिया और धरहर गांव में किसानों द्वारा किये जा रहे कृषि क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों को भी देखा।
ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया का छिड़काव का किया प्रदर्शन
कृषि उत्‍पादन बढ़ाने तथा कृषि लागत को कम करने के लिये कृषि क्षेत्र में कृषि उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी तारतम्‍य में यूरिया के छिड़काव में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ड्रोन के माध्‍यम से नैनो यूरिया का छिड़काव के रूप में सामने आया है। जिसमें केवल 500 एमएल की एक बोतल से 1 एकड़ में लगभग 8 मिनट में यूरिया का छिड़काव हो जाता है। इससे लागत, श्रम व समय की बचत होती है। कलेक्‍टर श्री सक्‍सेना ने ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया का छिड़काव प्रदर्शन को देखा और कहा कि किसानों को अपने कृषि लागत, श्रम व समय की बचत के लिये इस तकनीक को अपनाना चाहिये।

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