उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में चल रही संगीत मय श्री मद भागवत कथा

भगवान श्री कृष्ण रुक्मणि के विवाह में जम कर थिरके भक्त
कटनी/ स्लीममाबाद ,…संत कहते है की जब जन्म जन्मांतर के भाग्य उदय होते हैं तब श्री मद भागवत कथा रसपान का सौभाग्य प्राप्त होता है ऐसे ही तीर्थ स्थल पवित्र धाम बद्रीनाथ धाम में भगवान श्री कृष्ण की सुंदर सुंदर कथाओं का वर्णन स्लीमनाबाद समीपस्थ कृष्ण कृपा धाम भेड़ा से बाल ब्रह्मचारी संत शिरोमणि ब्रम्हानंद दास जी महराज कर रहे है इस संगीत मय भागवत महा पुराण रूपी गंगा में गोता लगाने कटनी एवं जबलपुर जिले से सैकड़ों की सख्या में भक्त श्रद्धालु जन बद्रीनाथ धाम पहुंचकर कथा को श्रवण कर रहे है आज बुधवार छठवें दिन की कथा में महराज श्री ने श्री कृष्ण रुक्मणि जी के विवाह का प्रसंग सुनाया महराज श्री ने भगवान के 16108 विवाहो का वर्णन किया कथा व्यास संत शिरोमणि ब्रम्हानंद दास जी महराज ने कथा के दौरान बताया की भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणि जी का हरण कर उनसे विवाह किया महराज श्री ने बताया की कुंडलपुर नामक राज्य में महाराज भीष्मक राजा थे उनकी पुत्री का नाम रुक्मणि था रुक्मणि जी ने बचपन से ही भगवान श्री कृष्ण का पति रूप में वरण कर चुकी थी लेकिन रुक्मणि जी का भाई रुक्मी अपनी बहिन का विवाह सिशुपाल के साथ करना चाहता था जैसे ये इस बात की खबर रुक्मणि मैया को लगी उन्होंने तुरंत ही एक ब्राम्हण के हाथो भगवान श्री कृष्ण को पत्र लिखा ब्राम्हण देवता ने वो पत्र भगवान को दिया भगवान पत्र पढ़ते ही अपने रथ में विराज मान हुए और कुंडलपुर जा कर देवी पूजन को आई रुक्मणि मैया को हरण किया और उनसे विवाह किया भगवान के विवाह में उपस्थित भक्त श्रद्धालु जनों ने मंगल गीतों के मध्यम से खूब ठुमके लगाए सभी ने भगवान श्री कृष्ण रुक्मणि मैया के पांव पखार कर प्रसाद ग्रहण किया


