पराली प्रबंधन पर केंद्रित लघु फिल्म “अन्नदाता से उर्जादाता” का कलेक्टर ने किया विमोचन

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जबलपुर…..पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक करने जबलपुर जिले में चलाई जा रही अपनी तरह की अनूठी मुहिम पर केंद्रित लघु फिल्म “अन्नदाता से ऊर्जादाता : जबलपुर में नई क्रांति” का आज बुधवार को कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने विमोचन किया। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जबलपुर द्वारा तैयार की गई इस लघु फिल्म में किसानों को अत्याधुनिक मशीनों से पराली प्रबंधन के तौर-तरीके बताये गये हैं, साथ ही पराली प्रबंधन की नई तकनीक को अपनाने वाले किसानों के अनुभव को भी इसमें शामिल किया गया है।

कलेक्टर श्री सिंह ने लघु फिल्म के विमोचन के अवसर पर जिले में पराली प्रबंधन के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कृषि अधिकारियों को इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा किसानों के बीच प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने किसानों से भी पराली न जलाने तथा भूमि की उर्वरा शक्ति एवं पर्यावरण को बचाने का आग्रह किया। अन्नदाता से ऊर्जादाता फिल्म के विमोचन के अवसर पर उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम, सहायक संचालक कृषि रवि आम्रवंशी एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इन्दिरा त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

जबलपुर जिले में लगभग 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान की बोनी होती है। जिले में धान की पराली प्रबंधन हेतु कृषि विभाग द्वारा लगातार प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिले में इस वर्ष दो प्राइवेट एग्रीगेटर क्राप साइकल बायो मास प्राइवेट लिमिटेट एवं फार्मवाट द्वारा भी पराली की समस्या से निजात दिलाने के लिये बेल्स (बंडल) बनाकर रिलायंस बायो एनर्जी प्लान्ट को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जिसका उपयोग कम्पोस्ट बायोगैस बनाने एवं उसके बायो प्रोडेक्ट के रूप में जैविक प्रोम खाद बनाने के लिये भी किया जा रहा है। वर्तमान में दो एग्रीगेटर द्वारा लगभग 35 हजार एकड क्षेत्र से बेल्स बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम के मुताबिक एक टन पराली में आग लगाने से सात किलो कार्बन मोनो आक्साइड, दो किलो सल्फर डाय ऑक्साइड एवं 199 किलो राख निकलती है। पराली जलाने से भूमि का तापमान बढ जाता है एवं भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है एवं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।

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