कुकीज मेकिंग यूनिट खरीदी में अनियमितता
जबलपुर…..कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूह के लिये कोदो-कुटकी से कुकीज बनाने की मशीनें कुकीज मेकिंग यूनिट खरीदने में बरती गई वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी कर समूह को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिये प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला को उनकी संविदा सेवा समाप्त करने का नोटिस जारी किया है।
जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास एवं प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामीण आजीविका मिशन अखिल शुक्ला को सप्लायर के साथ मिलीभगत से जनपद पंचायत कुंडम के ग्राम तिलसानी के सरस्वती आजीविका मिशन को वाटरशेड आजीविका मद एवं बैंक ऋण के माध्यम से घटिया मशीनें अधिक कीमत पर उपलब्ध कराने दोषी पाया गया है। अधिक कीमत पर घटिया मशीनें सप्लाई कर की गई धोखाधड़ी की यह शिकायत खुद सरस्वती आजीविका समूह की सदस्यों ने जनसुनवाई में कलेक्टर श्री सक्सेना को की थी। कलेक्टर ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुये मौके पर ही जिला पंचायत के सीईओ को जाँच करने के निर्देश दिये थे। जिला पंचायत सीईओ के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय दल द्वारा की गई जाँच में पाया गया कि प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला द्वारा सप्लायर मेसर्स एस एस बेनीप्रसाद धरमचंद जैन के ऋत्विक जैन के साथ मिलीभगत कर 2 लाख 53 हजार रुपये की कुकीज मेकिंग यूनिट 10 लाख 06 हजार रुपये में सरस्वती आजीविका मिशन को थमा दी गयी। जांच में इन मशीनों की गुणवत्ता को भी घटिया पाया गया।
सीईओ जिला पंचायत ने जाँच प्रतिवेदन में बताया कि कुकीज मेकिंग यूनिट की मशीनें आई एस आई मार्क की नहीं थीं। मशीनों को सही ढंग से इंस्टाल भी नहीं किया गया था और न ही इनका प्रशिक्षण समूह की सदस्यों को दिया गया। कुकीज़ मेकिंग यूनिट में शामिल ओवन बारह ट्रे के स्थान पर छः ट्रे का पाया गया और यह फिजिकल रोलर के स्थान पर मैन्युअली ऑपरेटेड था। इस ओवन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कीमत 4 लाख 68 हजार 460 रूपए दर्शाई गयी थी जबकि सप्लाई की गयी मशीन की अनुमानित कीमत मात्र 1 लाख 30 हजार रूपए ही थी। फ्लोर एवं सुगर मशीन से वेस्टेज भी हो रहा था। इसके साथ ही कुकीज मेकिंग यूनिट में शामिल स्पाइरल मिक्सर का 2 लाख 12 हजार 400 रुपये का भुगतान सप्लायर को करा दिया गया, जबकि जाँच में यह मशीन चाइना मेड पाई गई और इस पर 22 हजार रुपये की कीमत भी अंकित थी।
जिला पंचायत के सीईओ द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए जाँच प्रतिवेदन में बताया कि करीब 12 लाख के इस पूरे प्रोजेक्ट में महिला स्व-सहायता समूह से धोखाधड़ी कर और बैंकों पर अनुचित दबाव बनाकर जिला परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला द्वारा 7 लाख 53 हजार 129 रूपए की राशि का अधिक भुगतान सप्लायर को कराया गया। जाँच में पाया गया की परियोजना प्रबंधक का वह पत्र भी सामने आया जिसमें सप्लायर को 10 लाख 25 हजार रूपए की राशि महिला स्व-सहायता समूह को वापस करने के निर्देश दिये गए थे। जिला परियोजना प्रबंधक अखिल शुक्ला ने यह पत्र समूह की सदस्यों द्वारा उनके साथ की गयी धोखाधड़ी की 22 अक्टूबर की जनसुनवाई में कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना को की गयी शिकायत और कलेक्टर द्वारा शिकायत की जाँच करने के दिये गए निर्देश के तीन दिन बाद जारी किया था।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने महिला स्व-सहायता समूह को आर्थिक क्षति पहुंचाने और प्रशासन की छवि धूमिल करने के इस मामले में प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर उन्हें 29 नवम्बर की सुबह 11 बजे कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होकर समक्ष में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया है
