संभाग जबलपुर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, सागर, ग्वालियर, चम्बल एवं भोपाल ,मध्यप्रदेश शासन का निर्णय

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जबलपुर…जिला जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, सिवनी, छिन्दवाड़ा, रीवा, मऊगंज, सतना, मैहर, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, रायसेन, सीहोर, विदिशा, भोपाल, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिण्ड, सागर, दमोह, पन्ना, मध्यप्रदेश.

  खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन बाबत्।

खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 3.71 लाख किसानों से कुल 24.39 लाख मे.टन धान उपार्जन किया जा चुका है, जो कि इसी अवधि तक विगत वर्ष के उपार्जन की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है।

समर्थन मूल्य पर धान की अत्याधिक आवक होने के कारण उपार्जित धान में से 7.87 लाख मे.टन धान समिति स्तरीय उपार्जन केन्द्रों एवं 2.83 लाख मे. टन गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों पर गोदाम में भण्डारण/मिलर्स को प्रदाय किया जाना शेष है। जिलेवार सूची संलग्न है।

आगामी दिवसों में वर्षा की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जन केन्द्रों पर उपलब्ध धान के सुरक्षित भण्डारण हेतु दिनांक 30, 31 दिसम्बर, 2024 एवं 01 जनवरी, 2025 को (केवल तीन दिवस) समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन कार्य स्थगित किया जाता है।

उक्त अवधि में धान विक्रय करने हेतु जिन किसानों द्वारा स्लॉट बुक किया गया है, उनके स्लॉट की वैधता अवधि 05 कार्य दिवस बढ़ाई जाती है एवं इसकी सूचना SMS के माध्यम से किसानों को दी जा रही है। दिनांक 02 जनवरी, 2025 से किसानों द्वारा नियमित रूप से धान का विक्रय उपार्जन केन्द्रों पर किया जा सकेगा।

ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर धान विक्रय का अवसर देने हेतु उपार्जन की अंतिम दिनांक 20.01.2025 को बढ़ाकर दिनांक 23.01.2025 तक की जाती है।

समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान को असमायिक वर्षा से बचाव एवं सुरक्षित भण्डारण हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए :-

 उपार्जन केन्द्रों पर भण्डारित धान का शीघ्रता से परिवहन कराकर मिलर्स को प्रदाय/गोदामों में भण्डारण कराया जाए।

 धान परिवहन हेतु अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्मय से अधिक से अधिक वाहन लगाए जाए एवं आवश्यक हो तो अन्य परिवहनकर्ता / वाहनों को अधिग्रहण कर धान का परिवहन कराया जाए।

उपार्जन केन्द्रों पर धान के वर्षा से बचाव हेतु समितियों के माध्यम से तिरपाल/इनेज की व्यवस्था कर धान को कवर किया जाए

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