कलेक्टर श्री सक्सेना ने पुस्तक मेला आयोजित करने के संबंध में दिये आवश्यक निर्देश
जबलपुर…..कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आज जिले के निजी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक लेकर पुस्तक मेला आयोजित करने के संबंध में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने कहा कि 20 मार्च के बाद शहीद स्मारक में पुस्तक मेला आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला के आयोजन के लिए मेला समिति गठित की जाये, जिसमें शहर के प्राइवेट बड़े स्कूल के प्राचार्यों को शामिल करें और समिति को रजिस्टर्ड कराया जाये। पुस्तक मेला अब समिति द्वारा ही आयोजित किया जायेगा। साथ ही कहा कि पुस्तक मेला को आकर्षक बनाने के लिए कैरियर काउंसलिंग के साथ अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाये। कलेक्टर श्री सक्सेना ने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि प्राचार्यों से ऐसे गरीब बच्चों की प्रमाणित सूची भी मंगाई जाये, जो फीस देने में सक्षम नहीं है, ताकि उन्हें किफायती दर या सीएसआर के माध्यम से शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा सके। साथ ही कहा कि सभी निजी विद्यालयों के प्राचार्य 11 जनवरी तक अपने-अपने विद्यालयों के पुस्तकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करें तथा 30 जनवरी तक कलेक्टर वेबसाईट पर डालना सुनिश्चित करें। जिससे इस दिशा में सकारात्मक कार्यवाही की जा सके।
कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी निजी विद्यालय या संस्था से उनके कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है। जैसे शिक्षण संस्थान बच्चों को सुधारने व उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए कुछ दंड देने जैसे कार्यवाही करते हैं। वैसे ही प्रशासन को जनहित के उद्देश्य से कुछ सकारात्मक संदेश देने के लिए कुछ आवश्यक कार्यवाही करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि लोक हित को दृष्टिगत रखते हुए सभी को शैक्षणिक व्यवस्थाओं की सुधार करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाते हुए पुस्तक मेला को प्रभावी बनायें। बैठक के दौरान डाक विभाग से आए अधिकारी ने सुकन्या समृद्धि योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देकर कहा कि 10 वर्ष या उससे कम उम्र की बेटियों को योजना का लाभ दिलाने के लिए पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने की दिशा में कार्य करने का आग्रह किया। बैठक के दौरान प्राचार्यों ने बच्चों के आपार आईडी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण करने का आग्रह किया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी सहित सभी प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्य मौजूद थे।

