160 गांव के किसान तीन आरएओई के भरोसेकृषि विभाग के तहसील कार्यालय के हाल बेहालकृषि मित्रों के पद भी खाली
सिहोरा….. जहां एक ओर भारत देश को किसानों का देश
कहा जाता है भारत कृषि
आधारित देश है इस देश के
लोगो की आत्मा गांव मे बसती है किसानो को देश का अन्नदाता भी कहा जाता है
देश के अर्थवयस्था की रीढ किसानों क़ो कहा जाता है
परंतु आपको बता दें की जिले के नकशे मे शामिल सिहोरा तहसील
जिसे जिला बनाने की मांग अनवरत रूप से निरंतर जारी है परंतु उक्त तहसील के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग कार्यालय यानी किसानों के कार्यालय में लगभग डेढ़ दर्जन
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद खाली हैं इस दफ्तर मे तहसील की 60 ग्राम पंचायत के
160 गांव में लगभग बीस हजार किसानों के बीच पहुंच कर किसानों से सबंधित शासन की महत्कांक्षी योजनाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी इन कर्मचारियो के कंधे पर होती है इनके माध्यम से सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं किसानों के खेत खेत तक पहुचती है पर जब इन्ही के थोक संख्या मे पद खाली होगे तो किसानों के पास सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे पहुचता होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है ?
तीन कृषि विस्तार अधिकारी पूरी तहसील को संभाल रहे है जिस कारण काम की अधिकता मानसिक बीमारी का कारण बन रही है
*किसान एडवोकेट राजेंद्र पटैल दीपक चौबे दीपक पटैल ने बताया की बड़े लंबे समय से
सिहोरा तहसील के कृषि विभाग कार्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए मांग की जा रही है परंतु जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ
अधिकारियों के द्वारा सकारात्मक प्रयास न होने के कारण तहसील के मुख्यालय का संचालन एक वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी तीन कृषि विस्तार अधिकारी एक कंप्यूटर ऑपरेटर एक चपरासी के हवाले चल रहा है वही सिहोरा तहसील की कमान संभालने वाले वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जेएस राठौर को मझौली तहसील का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है आपको बता दें की सिहोरा तहसील में कृषि जोत रकबा
अत्यधिक है यहां के किसानों द्वारा अपनी सिचित भूमि पर तरह-तरह की खेती व नवाचार किया जा रहा हैं परंतु कृषि विभाग मे कर्मचारियों के अभाव के चलते उचित मार्गदर्शन सलाह न मिल पाने के कारण केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही अनेक योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाती अनेक लक्ष्य अधूरे रह जाते है
या फिर पात्र किसान योजना से बंचित रह जाता है
जहा एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के किसानों को जैविक खेती प्राकृतिक खेती रसायन मुक्त खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे है तरह-तरह की योजनाओं से किसानों को लाभान्वित व प्रोत्साहित किया जाता है नई
पद्धति से खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि किसान जैविक व प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो पर पद खाली होने हे किसानों को शासन की योजनाओं की जानकारी नही मिल पाती जिस कारण किसान योजनाओं से वंचित रह जाता है सिहोरा तहसील का भौगोलिक क्षेत्रफल भी अत्यधिक है ऐसे में गांव-गांव
अधिकारियों का पहुंचना एक कठिन काम है
किसान भगवान दीन कुशवाहा इंदू पटैल रमेश साहू जवाहर यादव महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया की किसान मित्रों को भी हटा दिया गया
स्मरण रहे की पूर्व की भाजपा सरकार के द्वारा सभी ग्रामों में किसान मित्रों की नियुक्ति की गई थी जिन्हें सरकार से मानदेय भी प्राप्त होता इनके माध्यम से कृषि विभाग की योजनाओं का निरंतर प्रचार प्रसार प्रयास कर पात्र लाभान्वित कृषकों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाते थे परंतु जब 2018 मे कांग्रेस की सरकार बनी तब से
इन्हें हटा दिया गया इसके बावजूद आज तक मध्य प्रदेश में कृषि मित्रों की नियुक्ति नहीं हो
पाई जिससेअब कृषि विभाग के अधिकारियों को काम करने मे बडी समस्या होती है पूर्व में तो कृषि मित्र काफी सहयोग कर देते थे परंतु उन्हें मानदेय न मिलने के
कारण वह किसी भी योजना या
कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने
से हाथ खड़े कर देते हैं किसान नेता रामराज पटेल गुलाब सिंह मरकाम पूर्व जनपद सदस्य मनीष पटेल मुकेश तिवारी ने इस ओर जिला प्रशासन के मुखिया से ध्यान देने की मांग की है
***इनका कहना है…..पूर्व में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा अन्यत्र ट्रांसफर करवा लेने के कारण कर्मचारियों की कमी है
शीघ्र नई भर्ती हो रही है रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यालय द्वारा जिला
मुख्यालय मासिक प्रतिवेदन भेजा जाता है शीघ्रता से रिक्त पदों की
पूर्ति की जावेगी
मनीषा पटेल
एसडीओ कृषि विभाग सिहोरा

