गौरव मुनि प्रसाद सागर की सकल जैन समाज ने की अगवानी
घर घर रंगोली सजाकर किया पाद प्राच्छालन
सिहोरा- नगर के गौरव 108 निर्यापक मुनि प्रसाद सागर जी महाराज के करीब 13 वर्ष बाद सिहोरा आगमन पर सकल जैन समाज द्वारा नगर के प्रवेश स्थल बाबाताल में प्रसाद सागर सेवा समिति, बालिका मंडल,जैन महिला मंडल ने भव्य अगवानी कर आत्मीय स्वागत किया मुनि श्री के साथ चंद्रप्रभ सागर जी, विवेकानंद सागर ऐलक जी,अजित सागर जी ,निरामय सागर जी का भी आगमन हुआ।
घर घर सजाई रंगोली किया पाद प्राच्छालन
महाराजश्री पुराना बस स्टेंड,गौरी तिराहा,आजाद चौक,झंडा बाजार,काल भैरव चौक,महावीर चौक होकर होकर पंचायती जैन मंदिर पहुंचे इस दौरान पूरे मार्ग पर घर के सामने सकल जैन समाज के लोगों ने रंगोली सजाकर सभी मुनियों का पाद प्राच्छालन किया इस दौरान सभी महिला पुरूषों बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। प्रसाद सागर जी का बुधवार को सभी ने अवतरण दिवस भी मनाया ।
गुरु शिष्य की परम्परा भारत में ही- प्रसाद सागर
मुनि प्रसाद सागर जी ने पंचायती जैन मंदिर में अपने आर्शीवचन में कहा की गुरु शिष्य की परम्परा भारत में ही है जिसका सभी पालन करते हैं आगे कहा हम सभी का सौभाग्य है की विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद हमको मिला। उन्होंने कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए कहा हम भाग्यशाली थे जो उस दौरान बच गए विश्व में कहीं भी ऐसी महामारी दुबारा न आये आगे कहा संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य यह है की हम दुसरे की मृत्यु देखते है पर खुद की मौत से बेखबर रहते हैं। उन्होंने णमोकार मंत्र की महिमा भी बताई तथा कहा मंदिर में इतने सालों में काफी कुछ बदल गया है सिहोरा में गुजारे अपने बचपन की बहुत सी बातें मुनि श्री ने सभी को बताई। आगे कहा मनुष्य की जैसी सोच रहती है वह उसी तरह की दृष्टि से वह देखता है।
आज सुबह सात बजे खितौला गमन
मुनि प्रसाद सागर जी महाराज अन्य मुनियों के साथ पंचायती जैन मंदिर से सुबह सात बजे खितौला के लिए गमन करेंगे तथा वहां जैन मंदिर में चल रहे विधान में शामिल होंगें एंव आहार चर्या के बाद पुनः सिहोरा के लिए प्रस्थान करेगे तथा रात्रि विश्राम भी सिहोरा में ही करेंगे।
