तीन-तीन ट्रेनों के नीचे से गुजरकर जाते हैं मुसाफिर

0


               रेलवे स्टेशन गोसलपुर का मामला
सिहोरा…..सिहोरा तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रेलवे स्टेशन गोसलपुर में रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी के
चलते इस स्टेशन से जुडे क्षेत्र के लगभग पचास गांव के लोगों को रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए तीन तीन ट्रेनों के डिब्बों के नीचे से बैठकर स्टेशन पहुंचना पड़ता है आपको बता दें की गोसलपुर रेलवे स्टेशन में विगत कई वर्षों से खनिज व खाद्यान्न का रैक लोड होता है जहां पर आए दिन रेलवे स्टेशन पर लोडिंग चलती रहती है रैक लोडिंग के कारण माल गाडी खड़ी रहती हैं ऐसी स्थिति में यात्रा करने वाले मुसाफिरों को मजबूरी बस अपनी जान हथेली में रखकर ट्रेन के डिब्बे के नीचे से बैठकर इस पार से उस पार निकलना पड़ता है अनेकों बार ऐसी स्थिति में लोग घायल हो चुके हैं लोगों के सिर चोटिल हो चुके हैं अनेक बड़े हादसे भी होते होते बचे हैं परंतु इस ओर रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बेखबर बने हुए हैं रेलवे स्टेशन के बाहर यह स्थिति हमेशा बनी रहती है क्षेत्रीय नागरिक निशांत जैन करण सिंह सेंगर शंकर लाल तिवारी एडवोकेट दीपक तिवारी राकेश पाठक
अर्पित चौबे अनिल सराफ महेंद्र सिंह ठाकुर पूर्व जनपद सदस्य मनीष पटेल मोंटी दुबे आकाश जैन ने बताया की हमेशा यहां से रेक लोड होता है तो रेल विभाग को माल गाडी के डब्बे अलग कर देना चाहिए ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी न हो और घटना दुर्घटना से बचा जा सके जहां एक ओर रेल मंत्रालय बड़ी स्टेशनों में यात्रियों के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध करा रहा है सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं वही गोसलपुर रेलवे स्टेशन के हालात बद से बदतर है इस संबंध में शीघ्र ही जनसेवा समिति के अध्यक्ष हेमचंद असाटी के नेतृत्व में एक
प्रतिनिधिमंडल पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक से मिलकर चर्चा करेगा क्षेत्रीय जन जितेंद्र पालीवाल शिवप्रसाद चनपुरिया विनोद पटेल सुशील पटेल आशीष दाहिया नरेन्द्र पटैल ने बताया की रेलवे स्टेशन के ठीक पीछे परमहंस स्वामी शिवदत जी महाराज का मंदिर व समाधि स्थल भी स्थित है जहां पर रोजाना आसपास के सैकड़ो गांव सहित महानगरों से लोग दर्शनार्थ करने हेतु पहुंचते हैं पर ऐसी विकट स्थिति में मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को भी अनेक परेशानी का सामना करना पड़ता
है लोगों ने बताया की ट्रेन के डब्बे के नीचे से बैठकर पार करते समय लोगो के मन मे दुघर्टना की आशंका बनी रहती है लोग घायल हो चुके हैं वहीं अगर लोग चाहे की हम डब्बे के बीच से ऊपर से निकल जाएं उसमें भी लोग के गिरने का डर बना रहता है सबसे ज्यादा फजीहत है गर्भवती महिलाओं दिव्यागों बृदजन की होती है जिन्हे परेशानी का सामना करना पड़ता है वही लोगों का कहना है की सबसे ज्यादा मुसीबत तो रात के अंधेरे में होती है लोगों के मन में खासा आक्रोश
है आम जन मानस का कहना है की जनता की इस गंभीर समस्या से रेल मंत्रालय बेखबर बना हुआ
है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *