मुस्कुरा गांव के स्कूल का मामला पत्राचार तक सिमटी कार्यवाही पढाई हो रही बाधित

सिहोरा ….सिहोरा विकासखंड के अंतर्गत संकुल केन्द्र गोसलपुर के तहत संचालित एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय मुस्कुरा में प्राइमरी विद्यालय के
पुराने भवन मे तीन कमरों में आठ कक्षाएं संचालित हो रही हैं इन तीन कमरों में पहली से आठवीं तक के अध्यनरत में छः दर्जन बच्चे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की विद्यालय में शिक्षा का स्तर कैसा होगा और कितनी परेशानी भरे माहौल मे शिक्षकों और बच्चों को अध्ययन और अध्यापन कार्य करना व कराना पड़ता होगा यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है
**2010 मे बना था भवन…
आपको बता दें की
माध्यमिक शाला मुस्कुरा का
नया भवन सन 2010 मे शासन की लगभग 16 लाख की राशि से निमार्ण कराया गया था
परंतु भ्रष्टाचार की बुनियाद में बने इस भवन की हालत देखकर इंजीनियर ने तीन साल पहले ही इस भवन को अनुपयोगी घोषित कर दिया गया था और एक कमरे की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुये बच्चों की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुये संस्था प्रमुख ने इसे डिसमेंटल करा दिया था
शेष दो क्षतिग्रस्त कमरो की मरम्मत हेतु तीन साल से प्रस्ताव भेजा जा रहा है परंतु अभी तक धैला की राशि नही आयी
मरम्मत की आस मे खडे ये दोनो कमरे भी धराशायी होने की कगार पर पहुच गये
क्षेत्र के जागरूक नागरिक सोहन श्रीवास ने बताया की इस विद्यालय में कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों के लिए कमरा ही नहीं है अब ऐसे में
आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं की यहां पर कैसे विद्यालय
संचालित होता होगा
**मांग नजर अंदाज…
इस संबंध में क्षेत्रीय नागरिकों व विद्यालय के शिक्षकों द्वारा अनेकों बार शिक्षा विभाग के विकासखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक के आला अधिकारियों को सूचना दी दी गई परंतु किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया नतीजा मजबूरी में तीन कमरो मे आठ कक्षाओं का संचालन संपन्न हो रहा है जहां एक ओर राजनीतिक मंचों से बड़े-बड़े दाबे की किए जाते हैं की शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा बहुत सराहनीय कार्य किया जा
रहे हैं ग्रामीण परिवेश मे रह रहे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोडने का ढिढोंरा पीटा जाता है वहीं यहां के हालात देखकर यह नजारा सरकार के दावों की पोल खुलते नजर आ रहे है
***शैक्षणिक कार्य प्रभावित…
यहां पर पदस्थ शिक्षकों का कहना है की तीन कमरों में आठ कक्षाओं के 75 बच्चों को बैठाकर पढ़ाई करना बहुत कठिन कार्य है ऐसे में अध्यापन कर बुरी तरह प्रभावित होता है
***पत्राचार तक सिमटी प्रक्रिया…
शिक्षको ने इसका प्रस्ताव बनाकर शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय व जनप्रतिनिधियों को अनेको बार भेज चुके है तीन साल से महज पत्राचार की खानापूर्ति हो रही है परंतु आज तक इन तो कमरों की मरम्मत के लिए किसी भी प्रकार की राशि मंजूर न होने के कारण यह कमरा भी तीन साल से खड़े-खड़े जानलेवा साबित हो रहे है विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ कभी भी अनहोनी घटित हो सकती है
क्षेत्रीय लोगों का कहना है की अगर इस विद्यालय के लिए शासन से अतिरिक्त कक्ष भी स्वीकृत कर दिए जाएं तो काफी
हद तक बच्चों को शिक्षा अध्ययन
करने में परेशानी न होगी
***इनका कहना है…..
मुस्कुरा बिघालय मे अतिरिक्त कक्ष हेतु प्रस्ताव पूर्व मे जिला मुख्यालय भेजा जा चुका है
एवं इसे विजन 2028 की कार्ययोजना मे भी शामिल किया
गया है
ब्रजेश श्रीवास्तव
बीआरसीसी सिहोरा


मात्र तीन कमरों में 75 बच्चों को बैठाकर पढ़ाई की जा रही है जिससे ब्यधान पैदा होता है नए भवन व अतिरिक्त कक्ष की मांग का प्रस्ताव पिछले
तीन साल से लगातार दिया जा रहा है
राम मनोहर पटेल
संस्था प्रमुख
एकीकृत माध्यमिक विद्यालय
मुस्कुरा