कृष्ण जन्माष्टमी पर सांस्कृतिक एवम् अकादमिक आयोजन
सिहोरा। शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवम् अकादमिक परिचर्चाओं का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. मनोज श्रीवास्तव की अध्यक्षता में, कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती पूजन से की गई। कृष्ण जन्म से जुड़े लोकगीतों की मनोहर प्रस्तुति डॉ. अनंदीलाल कुर्मी एवम् बी. ए. प्रथम वर्ष की छात्राएं अंजली नामदेव, अंजली दहिया, माही वाल्मीकि, सौम्या चौबे और छात्र शरद शर्मा द्वारा भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न लीलाओं से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। डॉ. अर्चना नामदेव की बालकृष्ण की लीलाओं से ओतप्रोत गीत की मधुर प्रस्तुति सराहनीय रही । डॉ. अमिताभ पाण्डेय ने एक दृष्टांत के माध्यम से कृष्ण दर्शन का सार प्रस्तुत किया। डॉ. श्री कृष्ण तिवारी ने भारतीय जीवन में कृष्ण की व्यापकता को स्पष्ट करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कृष्ण और महाभारत की ऐतिहासिकता प्रमाणित है। कृष्ण ने लौकिक के साथ जुड़ते हुए भी वैराग्य का निर्वाह किया। प्राचार्य महोदय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की भारतीय परंपरा में भगवान एवम् ब्रह्म दोनों के रूप में कृष्ण की मान्यता है। रास-लीला जैसे प्रसंगों का आध्यात्मिक दृष्टि से प्रतीकात्मक अर्थ है, जिसकी सामाजिक संदर्भों में व्याख्या उचित नहीं। मंच पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. नीता तिवारी एवम् डॉ. सुनु आर. के. मैथ्यू उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवम कर्मचारियों की उपस्थिति सराहनीय रही।

