तैनाती कही कीनौकरी कही
अटैचमेंट का जमकर चल रहा खेल
सिहोरा….जिले के सबसे बडे कहे जाने वाले सिहोरा पुलिस डिविजन के अंतर्गत संचालित पुलिस थाना गोसलपुर में काफी लंबे समय से पुलिस बल की कमी बनी हुई है जिस कारण
रात्रि कालीन गस्त प्रभावित हो रही है नाम मात्र के सिपहिया के कारण अनेक जांच व जरूरी कार्य प्रभावित हो रही हैं आपको बता दें की गत वर्ष पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा संपूर्ण जिले में पुलिस कर्मियों की थानों से अदला बदली के नाम पर स्थानांतरण आदेश जारी तो कर दिया गया पर यह सिर्फ कागजी खानापूर्ति साबित हो रहा है
सांठ गांठ से अटैचमेंट के खेल के सामने ट्रांसफर आदेश की धज्जियां उडती नजर आ रही है गौरतलब है की यह पुलिस थाना जिले का देहात क्षेत्र का बड़ा थाना माना जाता है इस थाने के अंतर्गत दो विधानसभा के लगभग सौ गांव कार्य क्षेत्र के अंतर्गत
आते हैं जहां पर तेजी से जुआ सटटा अवैध उत्खनन अवैध शराब की बिक्री गांजा की बिक्री चरम पर है क्षेत्र मे बड़ी तेजी से अपराध पनप रहे हैं लगातार अपराधों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है और दूसरी और निरंतर पुलिस थाना में पुलिस बल की कमी होती ही जा रही है जिससे पीड़ित व्यक्ति को तत्काल पुलिस की सहायता प्राप्त नहीं हो पाती बताया जाता है की वर्तमान स्थिति में थाना में नाम मात्र के पुलिसकर्मी बचे हैं जिस कारण अनेक संगीन अपराधिक मामलों की जांच लंबित पड़ी हुई है समय पर न्यायालय के समक्ष चालान पेश नहीं हो पा रहे जिससे लगातार पिंनडेसी बढ़ती ही जा रही है वहीं पुलिस की कमी के चलते जनरल डयूटी रात्रि कालीन गस्त नहीं हो पा रही है जिसके कारण लगातार चोरों के हौसले बुलंद है और बारदाते बढ़ती जा रही है पुलिस हाथ पे हाथ धरे बैठी हुयी हैं गौरतलब है की पिछले एक महीने के भीतर पुलिस थाना से अनेक आरक्षक अपना स्थानांतरण कराकर अन्यत्र थानो में पदस्थ हो गए और जिनकी आमद इस थाना मे हुई वरिष्ठ अधिकारियों के अस्थाई आदेश के तहत अटैचमेंट करा
कर अपनी अपनी मनमर्जी व अपने हिसाब से नौकरी कर रहे हैं ऐसे मे पुलिस की प्रशासनिक व्यवस्था के ऊपर सवालिया निशान लग रहे है पुलिस कर्मियो का अभाव क्षेत्र मे इस समय काफी बड़ा मुद्दा बना हुआ है गृह विभाग के द्वारा पुलिस थाना का नया भवन बना दिया गया है परंतु स्टाफ की कमी के चलते थाने मे बने केबिन में रखी कुर्सियां टेबल खाली पड़ी रहती हैं थाना में इस समय दिन और रात के समय सन्नाटा सा छाया रहता है अगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोई बड़ी घटना दुर्घटना घटित हो जावे तो थाना में बल नही है
मौजूद पुलिसकर्मियों के हवाले स्थिति को नियंत्रित करना संभव नहीं है पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सब जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते थाने में नाम मात्र का स्टाफ बचा है जिससे संपूर्ण थाने का संचालन हो पाना संभव नहीं है वर्तमान स्थिति से स्पष्ट होता है की पुलिस थाना में 35 पद स्वीकृत है और वर्तमान में 23 पदों में अधिकारी पुलिसकर्मी पदस्थ हैं यानी 13 पद रिक्त पड़े
हुए हैं इस संबंध में शीघ्र ही जनसेवा समिति के अध्यक्ष
हेमचंद असाटी एडवोकेट दीपक तिवारी राकेश पाठक ने बताया की शीघ्र ही इस संबंध में जबलपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक से मिलकर चर्चा की जावेगी एवं मध्य प्रदेश के मुखिया
डॉ. मोहन यादव को भी पत्र
प्रेषित कर मौजूदा हालातो से
अवगत कराया जाएगा
***फैक्ट फाईल….
पद स्वीकृत पदस्थ
निरीक्षक 01 01
एस.आई 02 03
ए.एस.आई 04 01
प्र.आरक्षक 09 07
आरक्षक 16 10
महिला आरक्षक 03 01
***इनका कहना है…
नये पुलिस आरक्षकों की ट्रेनिंग चल रही है ट्रेनिंग पश्चात शीघ्र थाने में पद स्थापना की जावेगी रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी
अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश तत्काल जारी किए जाएंगे
सूर्यकांत शर्मा
एडिशनल एसपी ग्रामीण
