मौत बनकर झूल रहे बिजली के तार,बांस-बल्ली के सहारे हो रही है बिजली आपूर्ति
सिहोरा- नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत नई बसाहट वाली कॉलोनियों में बांस बल्ली के सहारे लोग अपना आशियाना रोशन करने मजबूर हैं। जो किसी बड़े दुर्घटना को आमंत्रित कर रही है स्थिति इतनी भयावह है कि लोग जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं. पिछले 10 सालों से स्थिति जस की तस बनी हुई है लेकिन इस ओर अब तक किसी ने कोई पहल नहीं कर रहा है जिस तरह मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बिल बसूली में रुचि लेती है उसी तरह लोगों की समस्याओं को हल करने में नहीं लेती ।
बांस-बल्ली से हो रही है बिजली आपूर्ती
आपको बताये कि नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पालीवाल कॉलोनी,चर्च के पास की कालोनी,जेल रोड सहित अन्य कालोनी में कई ऐसे इलाके है। जहां मुख्य सड़क तक तो बिजली के खम्बे से बिजली आपूर्ति की गई है लेकिन मुख्य सड़क से बस्ती की ओर बढ़ा जाए तो स्थिति दयनीय है बांस बल्ली टूटे फूटे खंभों के सहारे लोगों के घर तक बिजली का कनेक्शन गया हुआ है जरा सी आंधी और तूफान से पूरे क्षेत्र में अंधकार हो जाता है इसी तरह कई जगहों पर तार भी कटे हैं जो कभी भी इंसान से लेकर मवेशियों को अपनी चपेट में ले सकता है.
मौत बनकर झूल रहे है बिजली का तार
स्थानीय लोगों का कहना है कि भगवान भरोसे सैकड़ों परिवार को छोड़ दिया गया है सभी जान जोखिम में डालकर यहां रह रहे है आने-जाने वाले रास्ते में तार मौत बनकर झूल रहे है लोग इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं झूलते हुए तार में 10 जगह जॉइंट है जो किसी के शरीर पर अगर सट जाए तो व्यक्ति करंट की चपेट में आकर मर सकता है कई बार स्थानीय लोगों ने विभाग के चक्कर लगाए जनप्रतिनिधियों के आगे गुहार लगाई लेकिन पिछले किसी ने कोई समाधान नहीं कराया।
क्या है नियम
जानकारों के अनुसार खंभे से 40 मीटर दूर तक ही बिजली कनेक्शन दिया जा सकता है। लेकिन नगर की नई कालोनियों में 500-500 मीटर दूर खेतों में स्थित घरों को भी अस्थाई कनेक्शन दे दिया गया। अस्थाई कनेक्शन स्वीकृत होने के बाद खंभे न लगने के कारण लोग बांस-बल्लियों के सहारे तार खींचकर घरों तक ले गए हैं। हाल ये है कि तार जर्जर होकर लटक गए हैं। लोगों को करंट लगने का डर सताता रहता है। बरसों से लगी बांस बल्लिया दीमक के करण क्षतिग्रस्त हो गई है।
अधिक दाम देकर भी गुणवत्ता से वंचित
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि जीवन भर की कमाई लगाकर स्वयं का आशियाना तो बना लिया लेकिन लाखों की लागत से बने आलीशान भवन को रोशन करने अस्थाई कनेक्शन के चलते उन्हें महंगे दामो पर बिजली खरीदने के बाद भी गुणवत्ता युक्त विद्युत प्राप्त नहीं हो पा रही है।
इनका कहना है
,डेंजर जोन की जांच करवाकर दुर्घटना की संभावना होगी तो कनेक्शन अलग कर दिए जायेंगे।
अमित विश्वकर्मा
संभागीय यंत्री एम पी बी सिहोरा,
