55 बच्चों ने धारण किया यज्ञोपवीत संस्कार ब्राह्मण समाज सिहोरा का भव्य आयोजन

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सिहोरा- आज से मैं वास्तविक रूप में ब्राह्मण बन चुका हूं और आज से मैं संकल्प लेता हूं कि मैं अपनी माता-पिता की आज्ञा का सदैव पालन करूंगा,बड़ों का आदर सम्मान करुंगा,नग्न होकर कभी स्नान नहीं करूंगा,नारी शक्ति का सदैव सम्मान करुंगा,कभी भी हरे वृक्षों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा और सदैव अपने समाज के उत्थान के लिए कार्य करूंगा ।ऐसे ही अनेक संकल्प आज यज्ञोपवीत संस्कार के दौरान विभिन्न शहरों ग्रामों से आए ब्राह्मण बाटुको ने संस्कार के दौरान माता महाकाली मंदिर खितौला में धारण किया। ब्राह्मण समाज सिहोरा द्वारा यह लगातार बारहवां संस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसने पिछले बटुकों की संख्या के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड दिए इसमें सिहोरा,खितौला नरसिंहपुर,जुजावल,जबलपुर,कटनी,हरगढ़, ढीमरखेड़ा सहित अनेक आसपास के क्षेत्र के कुल 55 बटुकों ने संस्कार कार्यक्रम में यज्ञोपवीत धारण किया। प्रातः से ही आचार्य सुरेंद्र दास जी महाराज के कुशल सानिध्य में ब्राह्मण बटुकों ने संपूर्ण विधि विधान से संस्कार के प्रत्येक पहलू का पालन किया।
24 संस्कारों में प्रथम –
आचार्य सुरेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में से एक ‘उपनयन संस्कार’ प्रथम संस्कार है।इसके अंतर्गत ही जनेऊ पहनी जाती है, जिसे ‘यज्ञोपवीत धारण करने वाले व्यक्ति को सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। उपनयन का शाब्दिक अर्थ है,सन्निकट ले जाना”और उपनयन संस्कार का अर्थ है- “ब्रह्म (ईश्वर) और ज्ञान के पास ले जाना”।
यज्ञोपवीत संस्कार धारण करने के उपरांत सभी 55 बटकों ने पहले तो विधि विधान से जनेऊ धारण किया और उसके बाद संस्कार के संकल्पों को पूरा करने का प्रण लिया। अंत में बैंड बाजों के साथ खितौला नगर के सात घरों में भिक्षा मांगकर यज्ञ को पूर्ण किया।ऐसा माना जाता है कि संस्कारो की पूर्णता तो ब्राह्मणों के भिक्षा प्राप्त करने के बाद ही पूर्ण होती है।
संस्कार के कार्यक्रम में सिहोरा के विधायक संतोष बरकड़े,मंडल अध्यक्ष अंकित तिवारी ने भी उपस्थित होकर बटुकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम को संपूर्ण सफल बनाने में समाज के नरेंद्र त्रिपाठी,रवि प्रकाश दुबे,सुनील तिवारी, प्रवीण कुररिया,अनिरुद्ध त्रिवेदी,नारायण तिवारी,अरविंद उपाध्याय,नवनीत शुक्ला,प्रकाश दुबे,सतीश तिवारी सहित अनेक विप्रो का बहुत योगदान रहा।

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