मेट्रो बस सेवा बंद होने से परेशानी
कलेक्टर से मिलेंगे डेली अपडाउनर

सिहोरा…. जबलपुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर बसे गोसलपुर कस्बे के
नौजवान छात्र छात्राओं किसान व
अन्य डेली अप डाउनर के मन में उस समय खुशी देखने को मिली थी जब अनेक संगठनों के अथक प्रयासों से गोसलपुर कस्बे हेतु गोसलपुर की तख्ती लगाये संस्कारधानी जबलपुर से मेट्रो बस सेवा गोसलपुर के लिए प्रारंभ की गई थी सिटी मेट्रो बस संचालन से आम जनमानस को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया था प्रदेश की अमृत योजना के तहत प्रतिदिन लगभग पांच मेट्रो बसे जबलपुर शहर से गोसलपुर कस्बे के लिए अनेकों फेरे लगाती थी जिससे मुसाफिरों और महिलाओं को रियायत दर पर सुरक्षित सुविधाजनक आवागमन का साधन उपलब्ध हो गया था सबसे ज्यादा सुविधा महिलाओं को मिल रही थी परंतु अचानक विगत छः महीनों से मेट्रो बस के जवाबदार अधिकारियों व संबंधित सिटी बस ट्रांसपोर्ट की लापरवाही के चलते गोसलपुर तक मेट्रो बस का आना जाना बंद हो गया है जिससे क्षेत्र के गरीब मजदूर व्यापारी किसान छात्र-छात्राओं युवाओं महिलाओं को जबलपुर के आवागमन में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है आपको बता दें की गोसलपुर क्षेत्र से लगभग एक सैकड़ा गांव के छात्र-छात्राएं शिक्षा अध्ययन करने हेतु जबलपुर शहर के लिए मेट्रो बस से अपना आवागमन करते थे परंतु न जाने क्यों अचानक मेट्रो बस का संचालन बंद कर दिया गया इस समस्या के संबंध में
छात्र-छात्राओं द्वारा लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मांग की जा रही है परंतु नतीजा सिफर रहा
क्षेत्रीय जन अच्छे लाल राजभर
डेली अपडाउनर छात्र आयुष पाण्डेय हिमांशु चौधरी निखिल चौधरी शुभम बर्मन आदित्य केवट मनमोहन साहू शिवम पाटेल
रत्नेश पटेल श्री हल्दकार
विवेक काछी ने बताया की प्राइवेट बस संचालकों के बढ़ते दबाव के कारण यह जन विरोधी निर्णय से जनता आक्रोशित है बसो की आवाजाही थमने से गोसलपुर सहित अंचल के छात्र-छात्राएं बहुत ही परेशानी का सामना कर रहे हैं जहां एक और मध्य प्रदेश की सरकार व परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश की जनता के लिए और विशेष रूप से ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगों के लिए आवागमन के बेहतर साधन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं वही गोसलपुर में उलटी गंगा बह रही है महिला अनीता शुक्ला ने बताया की मेट्रो बस के संचालन बंद होने से मजबूरी में लोगों को प्राइवेट बसों के धक्के खाने पडते है और इनकी बदतमीजी अशोभनीय भाषा का शिकार होना पड़ता है अनाप-शनाप किराया चुकाना भी पड़ता है