हाईवे और मुख्य मार्गों से गौवंश को हटाकर गौशालाओं और अस्थाई गौ – आश्रय स्थलों में रखें

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कटनी …..ज़िले के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग हाइवे और मुख्य सड़क मार्गों में गौवंश के स्वच्छंद विचरण और बरसात के मौसम में पशुओं के सड़कों में जमावड़े से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और गोवंश को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कटनी जिले में सड़कों से पशुओं को हटाने की विशेष मुहिम चलायें। यह निर्देश कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने बुधवार की देर शाम अधिकारियों की वर्चुअली आयोजित बैठक में दिए।

     कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि सड़कों पर घूमने वाले गौवंश को गौशालाओं और अस्थाई तौर पर बनाए गए गौ-आश्रय स्थलों में रखने की व्यवस्था की जाय। सड़कों पर विचरण करने वाले गौवंश को स्थानीय पंचायतों और नगरीय निकायों के वालेंटियर्स की मदद से  गौशालाओं और गौ-आश्रय स्थलों में रखवायें, जहां इनके चारा-पानी के इंतजाम का दायित्व संबंधित पंचायतें और नगरीय निकाय निभायें।

      इस दौरान अपर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ साधना परस्ते, सभी एस डी एम, एन एच ए आई के परियोजना निदेशक श्री आनंद कुमार, सभी जनपद पंचायतों के सीईओ, उपसंचालक पशुचिकित्सा, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और नगरीय निकायों सहित नगर निगम के उपायुक्त पवन अहिरवार सहित अन्य संबंधित अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअली जुड़े थे।

     कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि बरसात के मौसम में अधिकतर मवेशी सड़कों पर बैठे ज्यादा दिखते हैं। जो दुर्घटना ओं की बड़ी वज़ह बनते हैं। साथ ही जानवर भी कई बार हादसे का शिकार हो कर या तो मर जाते हैं या फिर दुर्घटना के कारण भयावह पीड़ा और कष्ट झेलते हैं। अधिकारी इस कार्य को आपसी सहयोग और समन्वय से संपादित करें।

     कलेक्टर श्री यादव ने सड़कों और हाइवे पर दुर्घटनाग्रस्त गोवंश के त्वरित उपचार की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश उपसंचालक पशु चिकित्सा डा आर के सिंह को दिये। नेशनल हाइवे में एन एच ए आई के वाहनों की पेट्रोलिंग कर गोवंशों को गोशालाओ और आश्रय स्थलों में भिजवाने के कार्य की निगरानी का दायित्व कलेक्टर ने सभी एस डी एम को सौंपा है। उन्होंने कहा कि जिन प्रमुख स्थलों पर पशुओं का अधिक जमावड़ा रहता है वहां संबंधित पंचायत के वालेंटियर्स और उनकी सहभागिता सुनिश्चित हो। कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि अधिकारी इसके लिए पूरी संवेदनशीलता का परिचय दें, ताकि सुरक्षित आवागमन के साथ- साथ गौवंश को भी सुरक्षित किया जा सके।

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