डेंगू मलेरिया से बचाव हेतु रखें सावधानी

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कटनी ……डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है, यह मच्छर दिन में काटता है। डेंगू के अधिकांश मामले पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और उनका प्रबंधन घर पर भी किया जा सकता है। डेंगू मलेरिया के बचाव व नियंत्रण हेतु अपने घर परिसर और आसपास पानी इकट्ठा  न होने दें। अपने घर के सिंक, गमले, हौज आदि में साफ-सफाई रखें। इसके साथ ही घरों की छतों पर अटाला या गंदगी न होने दें।

            छत पर रखी पानी की खुली टंकियां, टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड, गमलों में एकत्रित जल में, बेकार फेंके हुए टायरों में एकत्रित जल में, बिना ढंके बर्तनों में, एकत्रित जल में, कूलर में एकत्रित जल में, किचन गार्डन में रूका हुआ पानी, गमले, फूलदान, सजावट के लिए बने फव्वारे में एकत्रित जल में डेंगू मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पैदा होते है।

            इससे बचने के लिए टायर, प्लास्टिक कवर, फूल के बर्तन, पालतू जानवरों के पानी के कटोरे आदि जैसी चीज़ों को ढकें। इन मच्छरों के प्रजनन के लिए उपलब्ध आवास को कम करने से डेंगू बुखार की रोकथाम में सहायता मिल सकती है। विशेष रूप से घनी आबादी और भीड़ वाले स्थानों में मच्छर निरोधकों का उपयोग करने से मच्छरों को आपसे दूर रखने में मदद मिल सकती है। कुछ क्षेत्रों की यात्रा करते समय, और यहां तक कि जब आप घर पर हों, तो भी अपनी त्वचा पर मच्छर प्रतिरोधी क्रीम लगाएं। मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू के कपड़े और मोटे पैंट, मोज़े और सुरक्षित जूते पहनें। डेंगू बुखार की रोकथाम के आपके प्रयास में, मच्छरदानी के नीचे सोने से आपको मच्छरों के काटने से सुरक्षा मिल सकती है। रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। फूलों के बर्तनों को खाली करें, अपने पालतू जानवर के पानी के कटोरे को साफ करें और बदलें, अपने घर के अंदर किसी भी पानी के पौधे को रखने से बचें, सुनिश्चित करें कि पानी से भरा हुआ हर बर्तन ढका हुआ हो।

            डेंगू के सामान्य लक्षणों में यदि तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आँखों में दर्द होना, विभिन्न अंगों में सूजन, डेंगू के गंभीर लक्षण, गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से खून आना, मल या उल्टी में खून आना, तेजी से सांस लेना, थकान, बेचौनी, त्वचा के नीचे ब्लीडिंगइनमें से 2 या अधिक लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार प्लेटलेट्स कम होने पर यह बुखार खतरनाक हो जाता है। मरीज की जान भी जा सकती है। गंभीर मामलों में गंभीर रक्तस्त्राव और शॉक सिंड्रोम लगता है, जिससे जान को खतरा हो सकता है। यदि बुखार हो तो बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच कराएं। मलेरिया की पुष्टि होने का पूरा उपचार लें। खाली पेट दवा कदापि न लें। मलेरिया हेतु खून की जांच व उपचार सुविधा शासकीय चिकित्सालय पर उपलब्ध है।

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